बहरलेले नंदनवन अंगणी
आज अचानक दिसले नयनी
बहरलेले नंदनवन अंगणी
सपर्ण तरूवर गाई कोकिळ
ऋतु वसंताची ही चाहूल
नकळत कोठून पावा मंजूळ गुणगुणतो कानी
वसंतराणी थयथय नाचते
सप्त सुरांतून लकेर घुमते
रोमांचाने पुलकित होते अंगअंग ह्या क्षणी
पानोपानी फुलाफुलावर
नवरसगंधाचा हा बहर
अनेक झुंबर आम्रतरूवर लावियले कोणी
बहरलेले नंदनवन अंगणी
सपर्ण तरूवर गाई कोकिळ
ऋतु वसंताची ही चाहूल
नकळत कोठून पावा मंजूळ गुणगुणतो कानी
वसंतराणी थयथय नाचते
सप्त सुरांतून लकेर घुमते
रोमांचाने पुलकित होते अंगअंग ह्या क्षणी
पानोपानी फुलाफुलावर
नवरसगंधाचा हा बहर
अनेक झुंबर आम्रतरूवर लावियले कोणी
गीत | - | हिरालाल कलगूटकर |
संगीत | - | अविनाश व्यास |
स्वर | - | आशा भोसले |
चित्रपट | - | नंदादीप |
गीत प्रकार | - | चित्रगीत, नयनांच्या कोंदणी |
पुलकित | - | आनंदित. |
पावा | - | बासरी, वेणु. |