भजनानें आळविला
भजनानें आळविला । देव दैवसम कधिं न उलटला । ऐसा महिमा गाइला ॥
भेद न माना भजना शीला । जीवन समजा भजन-कला ॥
भेद न माना भजना शीला । जीवन समजा भजन-कला ॥
| गीत | - | कृ. प्र. खाडिलकर |
| संगीत | - | मास्टर कृष्णराव |
| स्वर | - | बालगंधर्व |
| नाटक | - | सावित्री |
| राग / आधार राग | - | पहाडी |
| ताल | - | कवाली |
| चाल | - | चल चालो गोकुल रे |
| गीत प्रकार | - | नाट्यसंगीत |
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बालगंधर्व