धनराशी जातां मूढापाशीं
धनराशी, जातां मूढापाशीं, सुखवी तुला, दुखवी मला ॥
शस्त्र जसें अबलाकराला, रूप जसें तें जोगिणीला,
सत्ता सुखरत अधमाला, धन जड जना मदत पतना ॥
शस्त्र जसें अबलाकराला, रूप जसें तें जोगिणीला,
सत्ता सुखरत अधमाला, धन जड जना मदत पतना ॥
| गीत | - | कृ. प्र. खाडिलकर |
| संगीत | - | गोविंदराव टेंबे |
| स्वराविष्कार | - | ∙ माणिक वर्मा ∙ बालगंधर्व ∙ मधुवंती दांडेकर ( गायकांची नावे कुठल्याही विशिष्ट क्रमाने दिलेली नाहीत. ) |
| नाटक | - | मानापमान |
| ताल | - | धुमाळी |
| चाल | - | परदेसी संया |
| गीत प्रकार | - | नाट्यसंगीत |
| मूढ | - | गोंधळलेला / अजाण. |
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माणिक वर्मा