धन्य आनंददिन पूर्ण मम
धन्य आनंददिन पूर्ण मम कामना ।
मुदित कुलदेवता सफल आराधना ॥
लाभ व्हावा जिचा लोभ धरिला महा ।
प्राप्त मज होय ती युवति मधुरानना ॥
मुदित कुलदेवता सफल आराधना ॥
लाभ व्हावा जिचा लोभ धरिला महा ।
प्राप्त मज होय ती युवति मधुरानना ॥
| गीत | - | गो. ब. देवल |
| संगीत | - | गो. ब. देवल |
| स्वराविष्कार | - | ∙ प्रभाकर कारेकर ∙ शरद जांभेकर ∙ रामदास कामत ( गायकांची नावे कुठल्याही विशिष्ट क्रमाने दिलेली नाहीत. ) |
| नाटक | - | संशयकल्लोळ |
| राग / आधार राग | - | सारंग |
| चाल | - | आज अंजन |
| गीत प्रकार | - | नाट्यसंगीत |
| आनन | - | मुख, तोंड. |
| मुदित | - | हर्षभरित, आनंदित. |
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प्रभाकर कारेकर