गुरु परमात्मा परेशु
गुरु परमात्मा परेशु ।
ऐसा ज्याचा दृढ विश्वासु ॥१॥
देव तयाचा अंकिला ।
स्वयें संचरा त्याचे घरा ॥२॥
एका जनार्दनीं गुरुदेव ।
येथें नाहीं बा संशय ॥३॥
ऐसा ज्याचा दृढ विश्वासु ॥१॥
देव तयाचा अंकिला ।
स्वयें संचरा त्याचे घरा ॥२॥
एका जनार्दनीं गुरुदेव ।
येथें नाहीं बा संशय ॥३॥
| गीत | - | संत एकनाथ |
| संगीत | - | श्रीधर फडके |
| स्वर | - | सुरेश वाडकर |
| राग / आधार राग | - | शंकरा |
| गीत प्रकार | - | संतवाणी |
| अंकित | - | गुलाम. |
| परेश | - | परमेश्वर. |
| स्वये | - | स्वत: |
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सुरेश वाडकर