हांसरा चंद्रमा
हांसरा चंद्रमा ।
उधळित मधुर स्मित चंद्रिका वाटे ॥
नयनि या तारका ।
वेधिती जीव हा सारखा ।
फुलतसे वदनि मनोहर काय मोगरा ॥
उधळित मधुर स्मित चंद्रिका वाटे ॥
नयनि या तारका ।
वेधिती जीव हा सारखा ।
फुलतसे वदनि मनोहर काय मोगरा ॥
गीत | - | प्र. के. अत्रे |
संगीत | - | |
स्वर | - | सुरेश हळदणकर |
नाटक | - | जग काय म्हणेल |
गीत प्रकार | - | शब्दशारदेचे चांदणे, नाट्यसंगीत |
चंद्रिका | - | चांदणे. |