कठिनता वरिन कशी
कठिनता वरिन कशी । पापमय दिसत मज । कुटिल कामा ॥
कांत करि भाषिता । युवतिसह हितरता । नाहिं ते रुचिता ॥
कांत करि भाषिता । युवतिसह हितरता । नाहिं ते रुचिता ॥
| गीत | - | भा. वि. वरेरकर |
| संगीत | - | सुरेशबाबू माने |
| स्वर | - | हिराबाई बडोदेकर |
| नाटक | - | जागती ज्योत |
| राग / आधार राग | - | तिलंग |
| चाल | - | झपताल |
| गीत प्रकार | - | नाट्यसंगीत |
| कांत | - | पती. |
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हिराबाई बडोदेकर