मान्य कांत वरिल हा
मान्य कांत वरिल हा । रवि राज्य करित ।
मम मनिं निशिदिनिं तो हा ॥
धन्य हंसिका । मौक्तिक वांच्छित ।
खुलवि फुलवि शशि तारका ॥
मम मनिं निशिदिनिं तो हा ॥
धन्य हंसिका । मौक्तिक वांच्छित ।
खुलवि फुलवि शशि तारका ॥
गीत | - | य. ना. टिपणीस |
संगीत | - | मा. कृष्णराव |
स्वर | - | बालगंधर्व |
नाटक | - | संगीत आशा-निराशा |
राग | - | धानी |
ताल | - | त्रिवट |
गीत प्रकार | - | नमन नटवरा |
निशिदिनी | - | अहोरात्र. |
वांच्छा | - | इच्छा. |
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