नच मानसा आशा
नच मानसा आशा प्राणेशा ! । आतां अन्या या ॥
विश्वमंगला प्रिय कृष्णाला साह्य करीं मिळो प्रेमें आपुल्या ॥
विश्वमंगला प्रिय कृष्णाला साह्य करीं मिळो प्रेमें आपुल्या ॥
| गीत | - | वि. सी. गुर्जर |
| संगीत | - | मास्टर कृष्णराव |
| स्वर | - | बालगंधर्व |
| नाटक | - | नंद-कुमार |
| राग / आधार राग | - | भैरवी |
| ताल | - | त्रिताल |
| चाल | - | तुम जागे कौन |
| गीत प्रकार | - | नाट्यसंगीत, मना तुझे मनोगत |
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बालगंधर्व