निशिदिनिं मनि धरिला
निशिदिनिं मनि धरिला हरिला ।
विसर न पडला या सुहृदांचा ।
व्यालकालगत भेद निमाला ॥
प्रेमपुनीता मधुमति गीता ।
हृदयकुसुमिता परभयभीता ।
स्वाराज्ये परिमल भरला ॥
विसर न पडला या सुहृदांचा ।
व्यालकालगत भेद निमाला ॥
प्रेमपुनीता मधुमति गीता ।
हृदयकुसुमिता परभयभीता ।
स्वाराज्ये परिमल भरला ॥
| गीत | - | भा. वि. वरेरकर |
| संगीत | - | वझेबुवा |
| स्वर | - | रामदास कामत |
| नाटक | - | तुरुंगाच्या दारात |
| राग / आधार राग | - | भैरवी |
| ताल | - | त्रिवट |
| चाल | - | नैनसी नैने मिला |
| गीत प्रकार | - | नाट्यसंगीत, मना तुझे मनोगत |
| निशिदिनी | - | अहोरात्र. |
| पुनीत | - | शुद्ध, पवित्र. |
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रामदास कामत