सजला नटला जणु राजा
सजला नटला जणु राजा ।
लखलखीत दावित तेजा ॥
बलसागर तारी दीना ।
तप तपत शीलधर राणा ।
बहु चमकवि साहस काजा ॥
लखलखीत दावित तेजा ॥
बलसागर तारी दीना ।
तप तपत शीलधर राणा ।
बहु चमकवि साहस काजा ॥
| गीत | - | कृ. प्र. खाडिलकर |
| संगीत | - | मास्टर कृष्णराव |
| स्वर | - | बालगंधर्व |
| नाटक | - | सावित्री |
| राग / आधार राग | - | झिंझोटी |
| ताल | - | कवाली |
| चाल | - | सिरि राम कहे |
| गीत प्रकार | - | नाट्यसंगीत |
Please consider the environment before printing.
कागद वाचवा.
कृपया पर्यावरणाचा विचार करा.












बालगंधर्व