A Non-Profit Non-Commercial Public Service Initiative by Alka Vibhas   
सावन घन गरजे बजाये

सावन-घन गरजे; बजायें
मधुर मधुर 'मल्हार' !
चमचम नाचे उसकी सजनी
छेल छबिली नार !

इंद्र-धनुषका मोर-मुकुट सिर
सावन-घन घन-शाम चढायें
गोरी गोरी बिजली गोपी
अपना सुंदर रूप दिखायें

शहनाई बन-पवन बजायें
करें मयूर पुकार !
हरियाला सावन मन-भावन
बरसे अमृत-धार !

Please consider the environment before printing.
कागद वाचवा.
कृपया पर्यावरणाचा विचार करा.