सुख-संचारक पवन असे
सुख-संचारक पवन असे मी, समता सांभाळीं
कळीकळीतें मींच फुलवितों भेद न मज जवळी
वेलीवेली डोलडोलवी माझ्या हिंदोळीं
सुगंध घ्यावा सुगंध द्यावा, हाचि धर्म पाळीं
कळीकळीतें मींच फुलवितों भेद न मज जवळी
वेलीवेली डोलडोलवी माझ्या हिंदोळीं
सुगंध घ्यावा सुगंध द्यावा, हाचि धर्म पाळीं
| गीत | - | विद्याधर गोखले |
| संगीत | - | छोटा गंधर्व |
| स्वर | - | पं. राम मराठे |
| नाटक | - | सुवर्णतुला |
| गीत प्रकार | - | नाट्यसंगीत |
| हिंदोल (हिंडोल) | - | झुला, झोका. |
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पं. राम मराठे