उठ झाला प्रातःकाल
उठ झाला प्रातःकाल तुझे गोपाळ आले वननिळा
पूर्वदिशे उदेला भानू आला उदयाचळा
प्राणीमात्र पशुपक्षी विश्रांतवृक्षी, अपुल्यास्थळी
निद्रा सारुन जागृत होती पंचउषःकाळी
रावे मयूरे हंस साळ्या सुस्वर मुखकमळी
सद्भावे तुज ध्याती गाती स्वमुखे नामावळी
कनकाचें घट शिरीं यमुना तिरीं जाती जळा
पूर्वदिशे उदेला भानू आला उदयाचळा
पूर्वदिशे उदेला भानू आला उदयाचळा
प्राणीमात्र पशुपक्षी विश्रांतवृक्षी, अपुल्यास्थळी
निद्रा सारुन जागृत होती पंचउषःकाळी
रावे मयूरे हंस साळ्या सुस्वर मुखकमळी
सद्भावे तुज ध्याती गाती स्वमुखे नामावळी
कनकाचें घट शिरीं यमुना तिरीं जाती जळा
पूर्वदिशे उदेला भानू आला उदयाचळा
गीत | - | शाहीर परशराम |
संगीत | - | वसंत पवार |
स्वर | - | पं. वसंतराव देशपांडे |
चित्रपट | - | शाहीर परशुराम |
गीत प्रकार | - | भक्तीगीत, चित्रगीत |
उदयाचल | - | ज्याच्या आडून चंद्रसूर्याचा उदय झालेला दिसतो तो पर्वत. |
कनक | - | सोने. |
भानू | - | सूर्य. |
रावा | - | पोपट. |