या जीवा जागवाया
या जीवा जागवाया । दे माया ।
प्रखर कठिना वागुरा बांधि काया ॥
नयनिंचा तारा उलटा झाला । मिटे कसला ।
जळे मजला अबला । रडवाया ॥
प्रखर कठिना वागुरा बांधि काया ॥
नयनिंचा तारा उलटा झाला । मिटे कसला ।
जळे मजला अबला । रडवाया ॥
| गीत | - | भा. वि. वरेरकर |
| संगीत | - | वझेबुवा |
| स्वर | - | अनंत दामले |
| नाटक | - | संन्याशाचा संसार |
| चाल | - | हो मिया जानेवाले |
| गीत प्रकार | - | नाट्यसंगीत |
| वागुरा | - | जाळे / फास. |
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अनंत दामले