आपदा राज-पदा भयदा
आपदा राज-पदा भयदा । नृपति-काम-भोग-निरति ॥
लोपुनिया चिरसुखदा । दिव्य शील-संपदा ।
पापरता । पामरता । माते; नरपति-
शिरिं अरि सदा महाभया धरित ॥
लोपुनिया चिरसुखदा । दिव्य शील-संपदा ।
पापरता । पामरता । माते; नरपति-
शिरिं अरि सदा महाभया धरित ॥
| गीत | - | वीर वामनराव जोशी |
| संगीत | - | वझेबुवा |
| स्वर | - | मास्टर दीनानाथ |
| नाटक | - | रणदुंदुभि |
| चाल | - | देवता कामुकतारहिता |
| गीत प्रकार | - | नाट्यसंगीत |
| अरि | - | शत्रु. |
| नृप, नृपति, नृपाळ(ल) | - | राजा. |
| निरत | - | अनुरक्त. |
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मास्टर दीनानाथ