आश्रम की हरीचे हे
आश्रम की हरीचे हे गोकुळ
भासतसे वनवासही मंगल
गोधन देई अमृतधारा
मुरली घुमवितो मंजुळ वारा
दूर सावळी सरिता यमुना
आठवणींची छेडित वीणा
जीवन रम्य निरागस निर्मल
नंदनंदना भाऊराया
तुझिच छाया दिसे वनी या
वार्यांनो, जा द्वारावतीला
निरोप सांगा श्रीकृष्णाला
संभ्रमी रे तव भगिनी प्रेमळ
भासतसे वनवासही मंगल
गोधन देई अमृतधारा
मुरली घुमवितो मंजुळ वारा
दूर सावळी सरिता यमुना
आठवणींची छेडित वीणा
जीवन रम्य निरागस निर्मल
नंदनंदना भाऊराया
तुझिच छाया दिसे वनी या
वार्यांनो, जा द्वारावतीला
निरोप सांगा श्रीकृष्णाला
संभ्रमी रे तव भगिनी प्रेमळ
गीत | - | ग. दि. माडगूळकर |
संगीत | - | सुधीर फडके |
स्वर | - | मालती पांडे |
चित्रपट | - | मायाबाजार (ऊर्फ वत्सलाहरण) |
गीत प्रकार | - | चित्रगीत, हे श्यामसुंदर |
द्वारावती | - | द्वारका. |
सरिता | - | नदी. |