अजुनि खुळा हा नाद
अजुनि खुळा हा नाद पुरेसा कैसा होइना ।
नाटक झालें जन्माचें, मनिं कां हो येइना ॥
व्यसनें जडली नवीं नवीं, कुणि तिकडे पाहिना ।
नांव बुडविलें वडिलांचें, कीर्ति जगीं माइना ॥
नाटक झालें जन्माचें, मनिं कां हो येइना ॥
व्यसनें जडली नवीं नवीं, कुणि तिकडे पाहिना ।
नांव बुडविलें वडिलांचें, कीर्ति जगीं माइना ॥
| गीत | - | गो. ब. देवल |
| संगीत | - | गो. ब. देवल |
| स्वर | - | बालगंधर्व |
| नाटक | - | शारदा |
| राग / आधार राग | - | झिंझोटी |
| ताल | - | त्रिताल |
| गीत प्रकार | - | नाट्यसंगीत |
Please consider the environment before printing.
कागद वाचवा.
कृपया पर्यावरणाचा विचार करा.












बालगंधर्व