बिंबाधरा मधुरा
बिंबाधरा, मधुरा विनयादिगुणीं मनोहरा मधुरा ॥
ती सुंदरा । विगुणा वरा ।
घटिता विधि पी काय सुरा ॥
ती सुंदरा । विगुणा वरा ।
घटिता विधि पी काय सुरा ॥
| गीत | - | गो. ब. देवल |
| संगीत | - | गो. ब. देवल |
| स्वराविष्कार | - | ∙ शरद जांभेकर ∙ अजितकुमार कडकडे ∙ कृष्णराव गोरे ( गायकांची नावे कुठल्याही विशिष्ट क्रमाने दिलेली नाहीत. ) |
| नाटक | - | शारदा |
| राग / आधार राग | - | शुद्ध सारंग |
| चाल | - | आनंद सागरम् |
| गीत प्रकार | - | नाट्यसंगीत |
| बिंबाधरा | - | पिकलेल्या तोंडल्याप्रमाणे लाल ओठ असणारी. |
| विगुण | - | गुणहीन. |
| विधी | - | ब्रह्मदेव. |
| सुरा | - | मद्य. |
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शरद जांभेकर