दे मला गे चंद्रिके
दे मला गे चंद्रिके प्रीती तुझी
रानहरिणी दे गडे भीती तुझी
मोहगंधा पारिजाता सख्या
हासशी कोमेजतां रीती तुझी
तुज कळंका छेदिता जीवनीं
सुस्वरें जन भारिते गीती तुझी
सोशितोसी झीज कैसी चंदना
मांगल्यास्तव त्याग ही नीती तुझी
रानहरिणी दे गडे भीती तुझी
मोहगंधा पारिजाता सख्या
हासशी कोमेजतां रीती तुझी
तुज कळंका छेदिता जीवनीं
सुस्वरें जन भारिते गीती तुझी
सोशितोसी झीज कैसी चंदना
मांगल्यास्तव त्याग ही नीती तुझी
गीत | - | राजा बढे |
संगीत | - | पं. हृदयनाथ मंगेशकर |
स्वर | - | लता मंगेशकर |
राग | - | जनसंमोहिनी |
गीत प्रकार | - | भावगीत |
टीप - • काव्य रचना- २९ जानेवारी १९५२. |
कळंक | - | बांबू. |
चंद्रिका | - | चांदणे. |