धुंद ही हवा तरी
राग म्हणू की अनुराग कळेना
धुंद ही हवा तरी फूल फुलेना
जवळ तू प्रिया की दूर कळेना
सूर मिळाले तरी गीत जुळेना
रूप लाडकी एक वल्लरी
अंग चोरिते लाजबावरी
लहर खेळवी तरी पान हलेना
धुंद ही हवा तरी फूल फुलेना
जीव भाबडा, जाण नसावी
मुक्या मनी का प्रीत हसावी
भेटलो तरी सहवास मिळेना
सूर मिळाले तरी गीत जुळेना
धुंद ही हवा तरी फूल फुलेना
जवळ तू प्रिया की दूर कळेना
सूर मिळाले तरी गीत जुळेना
रूप लाडकी एक वल्लरी
अंग चोरिते लाजबावरी
लहर खेळवी तरी पान हलेना
धुंद ही हवा तरी फूल फुलेना
जीव भाबडा, जाण नसावी
मुक्या मनी का प्रीत हसावी
भेटलो तरी सहवास मिळेना
सूर मिळाले तरी गीत जुळेना
| गीत | - | जगदीश खेबूडकर |
| संगीत | - | एन्. दत्ता |
| स्वर | - | उषा मंगेशकर, महेंद्र कपूर |
| चित्रपट | - | मामा भाचे |
| गीत प्रकार | - | चित्रगीत, युगुलगीत |
| अनुराग | - | प्रेम, निष्ठा. |
| दिठी | - | दृष्टी. |
| वल्लरी | - | वेल (वल्ली, वल्लिका). |
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उषा मंगेशकर, महेंद्र कपूर