हा खचित दिसत मम
हा खचित दिसत मम भाग्यकाल ।
मोहुनि त्यांच्या कपटभाषणा ।
नाहिं सोडिलें सदन काल ॥
श्रीयुत संभाविति हे दाविति ।
परिं आचरणीं उलट चाल ॥
भल्या, हीन मग गणिका आम्ही ।
उघड घालितों मोहजाल ॥
मोहुनि त्यांच्या कपटभाषणा ।
नाहिं सोडिलें सदन काल ॥
श्रीयुत संभाविति हे दाविति ।
परिं आचरणीं उलट चाल ॥
भल्या, हीन मग गणिका आम्ही ।
उघड घालितों मोहजाल ॥
| गीत | - | गो. ब. देवल |
| संगीत | - | गो. ब. देवल |
| स्वर | - | यशवंत लोलेकर |
| नाटक | - | संशयकल्लोळ |
| राग / आधार राग | - | पूर्वी |
| चाल | - | वाट चलत छेडत |
| गीत प्रकार | - | नाट्यसंगीत |
| गणिका | - | वेश्या. |
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यशवंत लोलेकर