हांसे बाला
हांसे बाला । फुलती कलिका वदता मधुबोला ॥
लोभला मनभृंग माझा, वदनकमलाला ।
रूंजी घाली अधरपाना । अमृता भुलला ॥
लोभला मनभृंग माझा, वदनकमलाला ।
रूंजी घाली अधरपाना । अमृता भुलला ॥
| गीत | - | विमल घैसास |
| संगीत | - | ए. पी. नारायणगांवकर |
| स्वर | - | पं. राम मराठे |
| नाटक | - | मदिरा |
| गीत प्रकार | - | नाट्यसंगीत |
| अधर | - | ओठ. |
Please consider the environment before printing.
कागद वाचवा.
कृपया पर्यावरणाचा विचार करा.












पं. राम मराठे