हो तनय काल महाकाला
हो तनय काल महाकाला; यमवध केला
नाशवंत नरतनुनें, ही सुतलीला ॥
मृत जनक जाई सुतदेहीं, नव गेहीं;
तनुजा तेविं अमर करी स्वकुलाला ॥
नाशवंत नरतनुनें, ही सुतलीला ॥
मृत जनक जाई सुतदेहीं, नव गेहीं;
तनुजा तेविं अमर करी स्वकुलाला ॥
| गीत | - | कृ. प्र. खाडिलकर |
| संगीत | - | गंधर्व नाटक मंडळी, हिराबाई बडोदेकर |
| स्वर | - | प्रकाश घांग्रेकर |
| नाटक | - | विद्याहरण |
| राग / आधार राग | - | बिहाग |
| ताल | - | त्रिवट |
| चाल | - | राजनके राजा महाराजा |
| गीत प्रकार | - | नाट्यसंगीत |
| गेह | - | घर. |
| तनुजा | - | कन्या. |
| तनय | - | पुत्र. (तनया- पुत्री). |
| तेवि | - | त्याप्रमाणे, तसे. |
| सुत | - | पुत्र. |
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प्रकाश घांग्रेकर