इथेच थारा पराक्रमाला
इथेच थारा पराक्रमाला; म्हणोनि देवा जन्म आला ॥
परोपकारे सुखीच झाला, तनूसि झिजवित जगांत ठेला ।
तो शिकवितो या सेवेला ॥
परोपकारे सुखीच झाला, तनूसि झिजवित जगांत ठेला ।
तो शिकवितो या सेवेला ॥
गीत | - | कृ. प्र. खाडिलकर |
संगीत | - | मास्टर कृष्णराव |
स्वर | - | बालगंधर्व |
नाटक | - | संगीत मेनका |
ताल | - | केरवा |
चाल | - | जुदाइ में तेरे |
गीत प्रकार | - | नाट्यसंगीत |