जय हिंद हिंद आनंदभुवन
जय हिंद, हिंद आनंदभुवन, जय भारतवर्ष महान
हा रजतशिखरधर गिरिवर सुंदर उत्तरेस हिमवान
हे नीलगगनगत चक्र सुदर्शन तळपत वरि भास्वान
हे चंद्रचलितजल ऊर्मिल सागर मन्द्र गाति जयगान
हा वंग रंगला कलापूजनी, गुर्जर मृदु उद्गार
रजपूत, शीख रणधीर, मराठा वीर धरी तलवार
काश्मीर रम्य सीमांत प्रांत गोमांत स्वर्गसोपान
जे हीन पतित जे दीन दलित त्यां आश्वासन विश्वास
हा खंड खंड भूखंड साठविल अखंड मनि विश्वास
मग मरणकिरण जरि अणुतुन आले देउ तयां आव्हान
हे एक ईश, दो सूर्य चंद्र, या तीन लोक साधार
या चार वेद, तुम्हि पंचभूतगण, सहा ऋतू साकार
या सप्त सिंधुंनो, आठ दिशांनो, गा नव मानवगान
हा रजतशिखरधर गिरिवर सुंदर उत्तरेस हिमवान
हे नीलगगनगत चक्र सुदर्शन तळपत वरि भास्वान
हे चंद्रचलितजल ऊर्मिल सागर मन्द्र गाति जयगान
हा वंग रंगला कलापूजनी, गुर्जर मृदु उद्गार
रजपूत, शीख रणधीर, मराठा वीर धरी तलवार
काश्मीर रम्य सीमांत प्रांत गोमांत स्वर्गसोपान
जे हीन पतित जे दीन दलित त्यां आश्वासन विश्वास
हा खंड खंड भूखंड साठविल अखंड मनि विश्वास
मग मरणकिरण जरि अणुतुन आले देउ तयां आव्हान
हे एक ईश, दो सूर्य चंद्र, या तीन लोक साधार
या चार वेद, तुम्हि पंचभूतगण, सहा ऋतू साकार
या सप्त सिंधुंनो, आठ दिशांनो, गा नव मानवगान
गीत | - | वसंत बापट |
संगीत | - | कनू घोष |
स्वर | - | प्रमिला दातार, आणि सहगायक |
गीत प्रकार | - | स्फूर्ती गीत |
ऊर्मी | - | तरंग, लहरी. |
भास्वत् | - | सूर्य / तेजस्वी. |
मंद्र | - | नाद / संगीतातील एक सप्तक. |
सिंधु | - | समुद्र. |
सोपान | - | जिना. |