जयोऽस्तुते हे उषा-देवते
जयोऽस्तुते हे उषा-देवते !
देवि दयावति महन्मंगले !
रुचिर-यौवना रूप सुंदरा
जगन्मोहिनी अरुण रंजिते !
देवि दयावति महन्मंगले !
रुचिर-यौवना रूप सुंदरा
जगन्मोहिनी अरुण रंजिते !
| गीत | - | विद्याधर गोखले |
| संगीत | - | पं. राम मराठे |
| स्वर | - | पं. राम मराठे |
| नाटक | - | मंदार-माला |
| राग / आधार राग | - | देसकार |
| ताल | - | त्रिताल |
| गीत प्रकार | - | प्रार्थना, नाट्यसंगीत |
| अरुण | - | तांबुस / पिंगट / पहाट, पहाटेचा तांबुस प्रकाश / सूर्यसारथी / सूर्य. |
| रुचिर | - | मोहक, सुंदर. |
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पं. राम मराठे