झुळझुळे नदी ही बाई
झुळझुळे नदी ही बाई
देहलतेला शीतल करुनी आनंदाने गाई
पानफुलांनी तरुवर फुलती
पाण्यावरती तरंग झुलती
सुरेल मुरलीनादे घुमते ती अंब्याची राई
सुखात का ग खुपते काही?
श्याम सावळा भेटत नाही
राधेला का छळिती गोपी, कळत कसे ग नाही
या पाण्यावर हृदय उमलते
हृदयातुनी का गुपित उकलते
नको गुपित ते उकलाया ग, अबोलीच मी राही
देहलतेला शीतल करुनी आनंदाने गाई
पानफुलांनी तरुवर फुलती
पाण्यावरती तरंग झुलती
सुरेल मुरलीनादे घुमते ती अंब्याची राई
सुखात का ग खुपते काही?
श्याम सावळा भेटत नाही
राधेला का छळिती गोपी, कळत कसे ग नाही
या पाण्यावर हृदय उमलते
हृदयातुनी का गुपित उकलते
नको गुपित ते उकलाया ग, अबोलीच मी राही
गीत | - | कवी संजीव |
संगीत | - | दत्ता डावजेकर |
स्वर | - | उषा मंगेशकर, मीना खडीकर |
चित्रपट | - | थोरातांची कमळा |
गीत प्रकार | - | चित्रगीत |
तरुवर | - | तरू / झाड. |
राई | - | अरण्य, झाडी / मोहरी. |
लता (लतिका) | - | वेली. |
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