कान्हू घेउन जाय रानी
कान्हू घेउन जाय रानी धेनू घेउन जाय
संगे चाले श्रीदाम सुदाम
मागे बोले माय ! मागे बोले माय !
कान्हू घेउन जाय रानी धेनू घेउन जाय
म्हणे माझ्या लेकरा रे माझ्या वासरा रे
उशीर नको लावू वेगे परत घरी ये रे
हाती राहे खीर-लोणी कोण दुजे खाय?
संगे चाले श्रीदाम सुदाम
मागे बोले माय ! मागे बोले माय !
कान्हू घेउन जाय रानी धेनू घेउन जाय
डोळ्यांतली बाहुली तू राजा सोन्या रे
ओंजळीत आला जणू चैत चांदवा रे
सूर्य येता माथी तुझे पोळतील पाय !
संगे चाले श्रीदाम सुदाम
मागे बोले माय ! मागे बोले माय !
कान्हू घेउन जाय, रानी धेनू घेउन जाय
संगे चाले श्रीदाम सुदाम
मागे बोले माय ! मागे बोले माय !
कान्हू घेउन जाय रानी धेनू घेउन जाय
म्हणे माझ्या लेकरा रे माझ्या वासरा रे
उशीर नको लावू वेगे परत घरी ये रे
हाती राहे खीर-लोणी कोण दुजे खाय?
संगे चाले श्रीदाम सुदाम
मागे बोले माय ! मागे बोले माय !
कान्हू घेउन जाय रानी धेनू घेउन जाय
डोळ्यांतली बाहुली तू राजा सोन्या रे
ओंजळीत आला जणू चैत चांदवा रे
सूर्य येता माथी तुझे पोळतील पाय !
संगे चाले श्रीदाम सुदाम
मागे बोले माय ! मागे बोले माय !
कान्हू घेउन जाय, रानी धेनू घेउन जाय
| गीत | - | शान्ता शेळके |
| संगीत | - | मीना खडीकर |
| स्वर | - | उषा मंगेशकर |
| गीत प्रकार | - | हे श्यामसुंदर, भावगीत |
| धेनु | - | गाय. |
| श्रीदाम | - | श्रीकृष्णाचा एक सवंगडी. |
| सुदाम | - | श्रीकृष्णाचा एक सवंगडी. |
Please consider the environment before printing.
कागद वाचवा.
कृपया पर्यावरणाचा विचार करा.












उषा मंगेशकर