खोटी बुद्धि केविं झाली
खोटी बुद्धि केविं झाली ।
भटीं लग्नघटि खोटी धरिली ।
वरिली ती स्त्री खोटी निघाली ॥
थोर कुळावरि भाळुनि गेलों ।
बाह्य सुशिक्षण रूपा दिपलों ।
पाय पुजुनि घरिं कृत्या आणिली ॥
भटीं लग्नघटि खोटी धरिली ।
वरिली ती स्त्री खोटी निघाली ॥
थोर कुळावरि भाळुनि गेलों ।
बाह्य सुशिक्षण रूपा दिपलों ।
पाय पुजुनि घरिं कृत्या आणिली ॥
गीत | - | गो. ब. देवल |
संगीत | - | गो. ब. देवल |
स्वर | - | |
नाटक | - | संगीत संशयकल्लोळ |
चाल | - | शंका घेशी घोर |
गीत प्रकार | - | नमन नटवरा |
कृत्या | - | कजाग स्त्री / राक्षसीण. |
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