कोण जगिं मला हितकर
कोण जगिं मला हितकर उरलें? ।
स्त्रीयापुरुष गृह पशुही फिरले ॥
स्त्री परलंपट, सेवक फसवे ।
श्वानहि रक्षणकार्य विसरलें ॥
स्त्रीयापुरुष गृह पशुही फिरले ॥
स्त्री परलंपट, सेवक फसवे ।
श्वानहि रक्षणकार्य विसरलें ॥
गीत | - | गो. ब. देवल |
संगीत | - | गो. ब. देवल |
स्वर | - | |
नाटक | - | संगीत संशयकल्लोळ |
गीत प्रकार | - | नमन नटवरा |
श्वान | - | कुत्रा. |