मधुर स्वरलहरी या
          मधुर स्वरलहरी या रुचिरा ।
धुंद रंगते जीवन धारा ॥
मध्यम पंचम षड्ज गुंफिता
रागरागिणी गुंजत येता
जीवाशिवाच्या जुळती तारा ॥
          धुंद रंगते जीवन धारा ॥
मध्यम पंचम षड्ज गुंफिता
रागरागिणी गुंजत येता
जीवाशिवाच्या जुळती तारा ॥
| गीत | - | योगिनी जोगळेकर | 
| संगीत | - | पं. राम मराठे | 
| स्वर | - | पं. राम मराठे | 
| नाटक | - | रंगात रंगला श्रीरंग | 
| गीत प्रकार | - | नाट्यसंगीत | 
| रुचिर | - | मोहक, सुंदर. | 
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 पं. राम मराठे