मालिनिकणवाही हा वारा
मालिनिकणवाही हा वारा ।
कमलगंधयुत वाहे भरारा ॥
मदनतप्त माझ्या या शरिरा ।
फारचि सुखवीतो ॥
कमलगंधयुत वाहे भरारा ॥
मदनतप्त माझ्या या शरिरा ।
फारचि सुखवीतो ॥
| गीत | - | अण्णासाहेब किर्लोस्कर |
| संगीत | - | अण्णासाहेब किर्लोस्कर |
| स्वर | - | पं. वसंतराव देशपांडे |
| नाटक | - | शाकुंतल |
| राग / आधार राग | - | सदर |
| ताल | - | सदर |
| गीत प्रकार | - | नाट्यसंगीत |
| मालिनी | - | फुले माळलेली सुंदर स्त्री. |
Please consider the environment before printing.
कागद वाचवा.
कृपया पर्यावरणाचा विचार करा.












पं. वसंतराव देशपांडे