मम आत्मा गमला हा
मम आत्मा गमला हा, नकळत नवळत हृदय तळमळत,
भेटाया ज्या देहा ॥
एकचि वेळ जरी मज भेटला, जीव कसा वश झाला,
भाव दुजा मिटला; वाटे प्राणसखा आला परतुनि गेहा ॥
भेटाया ज्या देहा ॥
एकचि वेळ जरी मज भेटला, जीव कसा वश झाला,
भाव दुजा मिटला; वाटे प्राणसखा आला परतुनि गेहा ॥
| गीत | - | कृ. प्र. खाडिलकर |
| संगीत | - | भास्करबुवा बखले |
| स्वराविष्कार | - | ∙ बालगंधर्व ∙ पं. कुमार गंधर्व ∙ मधुवंती दांडेकर ( गायकांची नावे कुठल्याही विशिष्ट क्रमाने दिलेली नाहीत. ) |
| नाटक | - | स्वयंवर |
| राग / आधार राग | - | बिहाग |
| ताल | - | त्रिवट |
| चाल | - | प्रभु लीला गमते ही |
| गीत प्रकार | - | नाट्यसंगीत |
| गेह | - | घर. |
Please consider the environment before printing.
कागद वाचवा.
कृपया पर्यावरणाचा विचार करा.












बालगंधर्व