मना तळमळसि
मना तळमळसि, उगीच कां असा हळहळसि,
प्रथम फसलेंसि ॥
ऐन सुखाच्या समयीं भीती धरुनि कसें बसलेंसि ॥
लतामंडपा सुख सेवाया येईन पुनः तुजपासि ॥
प्रथम फसलेंसि ॥
ऐन सुखाच्या समयीं भीती धरुनि कसें बसलेंसि ॥
लतामंडपा सुख सेवाया येईन पुनः तुजपासि ॥
गीत | - | अण्णासाहेब किर्लोस्कर |
संगीत | - | अण्णासाहेब किर्लोस्कर |
स्वराविष्कार | - | ∙ माणिक वर्मा ∙ ज्योत्स्ना भोळे ∙ बालगंधर्व ∙ अर्चना कान्हेरे ( गायकांची नावे कुठल्याही विशिष्ट क्रमाने दिलेली नाहीत. ) |
नाटक | - | शाकुंतल |
राग | - | पिलू |
ताल | - | त्रिताल |
चाल | - | सदाशिव धुन्दी |
गीत प्रकार | - | मना तुझे मनोगत, नाट्यसंगीत |
लता (लतिका) | - | वेली. |
Please consider the environment before printing.
कागद वाचवा.
कृपया पर्यावरणाचा विचार करा.