मंगल तें प्रियधाम
मंगल तें प्रियधाम । या मना ।
ममता-निर्झर मातृहृदय ते । चुंबचुंबिता ये अंगाई
वदनसुमांचा चुंबन-मेवा । भान हिरावी । मोद माइना
ममता-निर्झर मातृहृदय ते । चुंबचुंबिता ये अंगाई
वदनसुमांचा चुंबन-मेवा । भान हिरावी । मोद माइना
| गीत | - | य. ना. टिपणीस |
| संगीत | - | वझेबुवा |
| स्वर | - | रामदास कामत |
| नाटक | - | शिक्का-कट्यार |
| राग / आधार राग | - | जयजयवंती |
| ताल | - | त्रिवट |
| गीत प्रकार | - | नाट्यसंगीत |
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रामदास कामत