मेरी झांसी नही दूंगी
"मेरी झांसी नही दूंगी" हे बोल जिथे घुमती
तिथे लवे ही मान हिंदवी गात तिची कीर्ती
बीज मराठी, बाणा कणखर
सत्तांधांशी देई टक्कर
अजून दिसे पडक्या बुरुजावर
उभी ठाकली मर्दानी ती शुभ्रकमल मूर्ती
स्वातंत्र्याच्या या तीर्थावर
शुभ्रकमल हे फुले निरंतर
इथेच अवघ्या चराचरावर बोल तिचे घुमती
तिथे लवे ही मान हिंदवी गात तिची कीर्ती
बीज मराठी, बाणा कणखर
सत्तांधांशी देई टक्कर
अजून दिसे पडक्या बुरुजावर
उभी ठाकली मर्दानी ती शुभ्रकमल मूर्ती
स्वातंत्र्याच्या या तीर्थावर
शुभ्रकमल हे फुले निरंतर
इथेच अवघ्या चराचरावर बोल तिचे घुमती
गीत | - | वसंत कानेटकर |
संगीत | - | वसंत देसाई |
स्वर | - | आशा भोसले |
चित्रपट | - | इये मराठीचिये नगरी |
गीत प्रकार | - | चित्रगीत, स्फूर्ती गीत |
ठाकणे, ठाके | - | थांबणे / स्थिर होणे. |
लवणे | - | वाकणे. |