मोडुनि दंडा फेंकुन देइन
मोडुनि दंडा फेंकुन देइन भिकार भगवीं वस्त्रें
मशकापरि तीं उडविन सारी यादवचमुशस्त्रास्त्रें
आतां बळ आलें । दुर्दिन सर्वहि ते गेले ॥
मशकापरि तीं उडविन सारी यादवचमुशस्त्रास्त्रें
आतां बळ आलें । दुर्दिन सर्वहि ते गेले ॥
गीत | - | अण्णासाहेब किर्लोस्कर |
संगीत | - | अण्णासाहेब किर्लोस्कर |
स्वर | - | |
नाटक | - | संगीत सौभद्र |
गीत प्रकार | - | नमन नटवरा |