नमिला गणपति
नमिला गणपति माउली सारजा ।
आतां गुरुराजा दंडवत ॥१॥
गुरुरायाचरणीं मस्तक ठेविले ।
आपुल्या स्तुतीला द्यावी मती ॥२॥
गुरुराया तुजऐसा नाहीं सखा ।
कृपा करोनी रंका धरीं हातीं ॥३॥
तुका म्हणे माता पिता गुरु बंधु ।
तूच कृपासिंधु गणराया ॥४॥
आतां गुरुराजा दंडवत ॥१॥
गुरुरायाचरणीं मस्तक ठेविले ।
आपुल्या स्तुतीला द्यावी मती ॥२॥
गुरुराया तुजऐसा नाहीं सखा ।
कृपा करोनी रंका धरीं हातीं ॥३॥
तुका म्हणे माता पिता गुरु बंधु ।
तूच कृपासिंधु गणराया ॥४॥
| गीत | - | संत तुकाराम |
| संगीत | - | बाळ बर्वे |
| स्वर | - | सुरेश वाडकर |
| गीत प्रकार | - | संतवाणी, प्रथम तुला वंदितो |
| मति | - | बुद्धी / विचार. |
| सारजा | - | सरस्वती. |
| सिंधु | - | समुद्र. |
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सुरेश वाडकर