नृपकन्या तव जाया
नृपकन्या तव जाया, आर्या; सुखविलासीं सोडीना विनया ॥
वस्त्राच्छादना विरल कराया, भिजवितां कां मम काया ॥
वस्त्राच्छादना विरल कराया, भिजवितां कां मम काया ॥
| गीत | - | कृ. प्र. खाडिलकर |
| संगीत | - | भास्करबुवा बखले |
| स्वराविष्कार | - | ∙ बालगंधर्व ∙ माणिक वर्मा ( गायकांची नावे कुठल्याही विशिष्ट क्रमाने दिलेली नाहीत. ) |
| नाटक | - | स्वयंवर |
| राग / आधार राग | - | भैरवी |
| ताल | - | दीपचंदी |
| चाल | - | ना मारो पिचकारी |
| गीत प्रकार | - | नाट्यसंगीत |
| नृप, नृपति, नृपाळ(ल) | - | राजा. |
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बालगंधर्व