प्रेम कोणीही करेना
प्रेम कोणीही करेना, का अशी फिर्याद खोटी?
प्रेम दे अन्यास आधी, ठेविशी का स्वार्थ पोटी?
आपुल्या या चारुतेशी विस्मरुनी जा सुकेशी
भाळता कोणास देशी का न भक्तीची सचोटी?
प्रेम का संगीन गुच्छी, प्रेम का रंगीन ओठी
प्रेम लाभे प्रेमळाला, त्याग त्याची ही कसोटी.
प्रेम दे अन्यास आधी, ठेविशी का स्वार्थ पोटी?
आपुल्या या चारुतेशी विस्मरुनी जा सुकेशी
भाळता कोणास देशी का न भक्तीची सचोटी?
प्रेम का संगीन गुच्छी, प्रेम का रंगीन ओठी
प्रेम लाभे प्रेमळाला, त्याग त्याची ही कसोटी.
| गीत | - | माधव ज्युलियन |
| संगीत | - | जी. एन्. जोशी |
| स्वर | - | जी. एन्. जोशी |
| गीत प्रकार | - | भावगीत |
| चारू | - | सुंदर. |
| संगीन | - | व्यवस्थित / मजबूत, पक्का / बंदुकीच्या अग्रभागी लावण्याचे सुर्यासारखे शस्त्र. |
Please consider the environment before printing.
कागद वाचवा.
कृपया पर्यावरणाचा विचार करा.












जी. एन्. जोशी