पुष्पपरागसुगंधित शीतल
पुष्पपरागसुगंधित शीतल अतिमंद चरे वनवायु हा ।
निखिलतरूंतिल पक्षि उठोनी शब्द करिति किति मंजु हा ॥
निबिडकुंजमुखिं मोर मयुरी नटुनि थटुनि नाचति हे ।
हरिण उडति बहु शशक धांवति गिरिवरि डोलत नाग हा ॥
निखिलतरूंतिल पक्षि उठोनी शब्द करिति किति मंजु हा ॥
निबिडकुंजमुखिं मोर मयुरी नटुनि थटुनि नाचति हे ।
हरिण उडति बहु शशक धांवति गिरिवरि डोलत नाग हा ॥
| गीत | - | अण्णासाहेब किर्लोस्कर |
| संगीत | - | अण्णासाहेब किर्लोस्कर |
| स्वराविष्कार | - | ∙ हिराबाई बडोदेकर ∙ माणिक वर्मा ∙ कीर्ती शिलेदार ( गायकांची नावे कुठल्याही विशिष्ट क्रमाने दिलेली नाहीत. ) |
| नाटक | - | सौभद्र |
| राग / आधार राग | - | अरब्बी |
| चाल | - | कोणि जाये ब्रिजमो दधिवेचन |
| गीत प्रकार | - | नाट्यसंगीत |
| कुंज | - | वेलींचा मांडव. |
| निखिल | - | सर्व. |
| निबिड | - | दाट. |
| शशक | - | ससा. |
Please consider the environment before printing.
कागद वाचवा.
कृपया पर्यावरणाचा विचार करा.












हिराबाई बडोदेकर