रमला कुठे ग कान्हा
रमला कुठे ग कान्हा
का अजुनी येई ना?
बाई तिन्हीसांजा झाल्या
गाई घरा परतल्या
धुंडोनी नजरा शिणल्या
कुठे शोधू माझा तान्हा?
मुरलीचा मंजुळ सूर
घुमतो का कोठे दूर
लागे जीवा हुरहूर
आवरेना फुटला पान्हा
का अजुनी येई ना?
बाई तिन्हीसांजा झाल्या
गाई घरा परतल्या
धुंडोनी नजरा शिणल्या
कुठे शोधू माझा तान्हा?
मुरलीचा मंजुळ सूर
घुमतो का कोठे दूर
लागे जीवा हुरहूर
आवरेना फुटला पान्हा
गीत | - | स. अ. शुक्ल |
संगीत | - | जी. एन्. जोशी |
स्वर | - | लीला लिमये |
गीत प्रकार | - | भावगीत, हे श्यामसुंदर |