रमणि मजसि निजधाम
रमणि मजसि निजधाम, सन्मुख रुक्मिणी ॥
नयनें बोले स्वागत केलें, नरवरा, करा आराम ॥
नयनें बोले स्वागत केलें, नरवरा, करा आराम ॥
गीत | - | कृ. प्र. खाडिलकर |
संगीत | - | भास्करबुवा बखले |
स्वर | - | प्रकाश घांग्रेकर |
नाटक | - | स्वयंवर |
राग | - | पूर्वी |
ताल | - | त्रिवट |
चाल | - | कोन तुम्हसि तुम फेकत |
गीत प्रकार | - | नाट्यसंगीत |
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