रंगुनी श्रीहरी कीर्तनी
रंगुनी श्रीहरी कीर्तनी
अवचित प्रकटती नारदमुनी
मुद्रा राजस मधाळ रसना
शोभतसे नित गळ्यात वीणा
स्वरब्रह्माच्यायोगे विभूषित सतत नित्य भ्रमणी
सांगती मुनीवर मानवांना
सहज साध्य ती असे साधना
हरिकथेच्या करा गायना एकल ध्यास निशिदिनी
अवचित प्रकटती नारदमुनी
मुद्रा राजस मधाळ रसना
शोभतसे नित गळ्यात वीणा
स्वरब्रह्माच्यायोगे विभूषित सतत नित्य भ्रमणी
सांगती मुनीवर मानवांना
सहज साध्य ती असे साधना
हरिकथेच्या करा गायना एकल ध्यास निशिदिनी
गीत | - | गंगाधर महाम्बरे |
संगीत | - | हेमंत पेंडसे |
स्वर | - | महेश काळे |
अल्बम | - | सावलीस का कळे |
गीत प्रकार | - | हे श्यामसुंदर, भावगीत |
निशिदिनी | - | अहोरात्र. |
रसना | - | जीभ / चव. |