सकल मिळुनि हसुनि
सकल मिळुनि हसुनि खुलुनि गोफ गुंफुया ग
पदर पदर स्वकरि धरुनि नाच नाचुया ग
नाचताति पवनी फुले, डुलति सुमपराग खुळे
चपलचरणि त्यास खुडुनि आजि वेचुया ग
वर्ष-वर्षतात मेघ, जलधारा झरति सुभग
लपतछपत स्वकरि अमित त्यासि वेचुया ग
मधुर गान गाउनिया, प्रेमरंगि रंगुनिया
गोफ विणुनि सुजन-चरणि आजि वाहुया ग
पदर पदर स्वकरि धरुनि नाच नाचुया ग
नाचताति पवनी फुले, डुलति सुमपराग खुळे
चपलचरणि त्यास खुडुनि आजि वेचुया ग
वर्ष-वर्षतात मेघ, जलधारा झरति सुभग
लपतछपत स्वकरि अमित त्यासि वेचुया ग
मधुर गान गाउनिया, प्रेमरंगि रंगुनिया
गोफ विणुनि सुजन-चरणि आजि वाहुया ग
गीत | - | संजीवनी मराठे |
संगीत | - | श्रीनिवास खळे |
स्वर | - | सुमन कल्याणपूर |
गीत प्रकार | - | भावगीत |
अमित | - | अमर्याद, असंख्य. |
सुभग | - | दैवी / सुंदर. |
सुम | - | फूल. |