सखये अनसूये थांब
सखये अनसूये थांब कि बाई ।
येतें मी, अशि कां घाई ॥
रुतला दर्भांकुर माझ्या पाईं ।
मजला तो दुःखद होई ॥
साडी कोराटीस गुंतून जाई ।
सोडवितें तोंवरिं राही ॥
येतें मी, अशि कां घाई ॥
रुतला दर्भांकुर माझ्या पाईं ।
मजला तो दुःखद होई ॥
साडी कोराटीस गुंतून जाई ।
सोडवितें तोंवरिं राही ॥
गीत | - | अण्णासाहेब किर्लोस्कर |
संगीत | - | अण्णासाहेब किर्लोस्कर |
स्वर | - | |
नाटक | - | संगीत शाकुंतल |
राग | - | पिलू |
ताल | - | धुमाळी |
गीत प्रकार | - | नाट्यगीत |
कोरांटी | - | एक प्रकारचे काटेरी फुलझाड. |
दर्भ | - | एक प्रकारचे गवत. |