सत्य वदे वचनाला
सत्य वदे वचनाला । नाथा ।
स्मरुनि पदाला या सुरविमला ॥
वित्त परार्जित मानी विषसम ।
स्पर्शिन ना कधि मी त्याला ॥
स्मरुनि पदाला या सुरविमला ॥
वित्त परार्जित मानी विषसम ।
स्पर्शिन ना कधि मी त्याला ॥
गीत | - | वि. सी. गुर्जर |
संगीत | - | गंधर्व नाटक मंडळी, बाई सुंदराबाई |
स्वराविष्कार | - | ∙ बालगंधर्व ∙ माणिक वर्मा ( गायकांची नावे कुठल्याही विशिष्ट क्रमाने दिलेली नाहीत. ) |
नाटक | - | एकच प्याला |
राग | - | जिल्हा, काफी |
ताल | - | कवाली |
चाल | - | कत्ल मुझे कर |
गीत प्रकार | - | नाट्यसंगीत |
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