सुखद जगि राजा
सुखद जगि राजा । शास्ता बलवान ।
जो झटत दिन रात । उचित जन काजा ॥
या रणी साह्यार्थ । हा बलि महाराष्ट्र ।
राजकाज तलवार । कां न यश मम ध्वजा ॥
जो झटत दिन रात । उचित जन काजा ॥
या रणी साह्यार्थ । हा बलि महाराष्ट्र ।
राजकाज तलवार । कां न यश मम ध्वजा ॥
गीत | - | य. ना. टिपणीस |
संगीत | - | वझेबुवा |
स्वर | - | प्रभाकर कारेकर |
नाटक | - | शिक्काकट्यार |
राग | - | देसकार |
ताल | - | झपताल |
गीत प्रकार | - | नाट्यसंगीत |