स्वस्थ कसा तूं
स्वस्थ कसा तूं? ऊठ गड्या ।
झणि टाक उड्या ॥
नकळे का वर्षे ।
घन सुधेचा, छ्बड्या? ॥
सरले अजि सारे ।
कुदिन अपुले, बगड्या! ॥
झणि टाक उड्या ॥
नकळे का वर्षे ।
घन सुधेचा, छ्बड्या? ॥
सरले अजि सारे ।
कुदिन अपुले, बगड्या! ॥
गीत | - | वि. सी. गुर्जर |
संगीत | - | गंधर्व नाटक मंडळी , बाई सुंदराबाई |
स्वर | - | बालगंधर्व |
नाटक | - | संगीत एकच प्याला |
राग | - | पहाडी |
ताल | - | कवाली |
चाल | - | तारि विछेला |
गीत प्रकार | - | नाट्यगीत |
झणी | - | अविलंब. |